All India Rank Movie Review: वरुण की बीते दौर की अलसाई सी राम कहानी

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All India Rank Movie Review

All India Rank Movie Review: “ऑल इंडिया रैंक” एक उत्कृष्ट भारतीय फिल्म है जो विद्यार्थियों के जीवन में उनके लक्ष्यों और सपनों को प्राप्त करने की मुख्यता को दर्शाती है। फिल्म की कहानी एक गरीब परिवार के छात्र के संघर्ष को दिखाती है जो एक बड़े प्रतियोगिता में भाग लेता है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाईयों का सामना करता है।

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All India Rank Movie Review: फिल्म की कहानी एक गरीब परिवार के छात्र, राज, के उत्साहजनक सफर को दर्शाती है। राज एक साधारण छात्र है जो अपने असाधारण सपनों को पूरा करने के लिए लड़ने के लिए तैयार है। वह एक बड़े प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करता है। इस यात्रा में, वह विभिन्न संघर्षों और चुनौतियों का सामना करता है, लेकिन अपनी परिश्रम और लगन से उन्हें पार करता है।

वरुण ग्रोवर की अपनी राम कहानी!

बीएचयू आईआईटी से इंजीनियरिंग करने वाले वरुण ग्रोवर की फिल्म ‘ऑल इंडिया रैंक’ उनकी अपनी किशोरावस्था की कहानी जैसी है। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे को इंजीनियरिंग का कंपटीशन निकालना उसके अपने भविष्य से ज्यादा उसके पिता की सामाजिक स्थिति को उच्चीकृत करने के लिए जरूरी हो जाता है। समय उस वक्त का है जब कोटा वाकई में फैक्ट्रियों का शहर था और फैक्ट्रियां उजड़ीं तो इन में काम करने वाले कुछ विज्ञान पढ़े कर्मचारियों ने वहां कोचिंग शुरू कर दी।

लखनऊ के रहने वाले एक बालक का कोटा में जाकर अकेले रहना, अजीबोगरीब किस्म के दोस्तों से उसका पाला पड़ना और साथ पढ़ने वाली एक किशोरी पर मोहित हो जाना, ये किसी भी कालखंड की घटनाएं हो सकती हैं। पढ़ाई का दबाव न झेल पाने पर किशोर अपने जीवन से कैसे खिलवाड़ कर बैठते हैं, ये दर्शक ‘थ्री ईडियट्स’ में देख चुके हैं। पढ़ते पढ़ते लव हो जाए का कमाल हाल ही में ‘12वीं’ फेल में दिख चुका है। कहानी बहुत देसी है, बस इसे एक कमाल की फिल्म बनाने के चक्कर में जो अतिरिक्त मेहनत वरुण ग्रोवर ने कर दी हैं, उसके चलते एक कमाल की हो सकने वाली फिल्म साधारण से भी कमतर फिल्म बनकर रह गई है।

मैचबॉक्स की लगातार तीसरी फ्लॉप

मैचबॉक्स फिल्म कंपनी का हिंदी सिनेमा में बड़ा नाम है। ‘अंधाधुन’, ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ और ‘स्कूप’ ने इसका एक ब्रांड बनाया। लेकिन, इसकी बीती तीन फिल्में ‘थ्री ऑफ अस’, ‘मेरी क्रिसमस’ और ‘ऑल इंडिया रैंक’ मौजूदा दौर के दर्शकों ने सिनेमाघरों में नकार दीं। इन तीनों में ‘थ्री ऑफ अस’ सबसे कमाल फिल्म है। और, ‘ऑल इंडिया रैंक’ सबसे खराब फिल्म। फिल्म की कहानी कोई 20 साल पहले वरुण ने लिखी। 

‘चक दे इंडिया’ लिखने वाले जयदीप साहनी को कहानी पसंद आई और उन्होंने ये कहानी निर्देशक श्रीराम राघवन को दे दी। श्रीराम ने इसे आगे बढ़ाया तो मैचबॉक्स ने इस पर दांव लगा दिया। यहां ध्यान ये रखना है कि जयदीप साहनी ने ‘जंगल’, ‘आजा नचले’, ‘रॉकेट सिंह’ और ‘शुद्ध देसी रोमांस’ भी लिखी हैं और श्रीराम के सिनेमा में ‘एजेंट विनोद’ भी है। कहानी और पटकथा के स्तर पर पूरी तरह निराश करती फिल्म ‘ऑल इंडिया रैंक’ अपने दोहराव से भी मार खाती है।

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