Article 370 Movie Review in Hindi: कश्मीर के ‘दुश्मनों’ को बेनकाब करते हुए विषय की गहराई में उतरती है ‘आर्टिकल 370’

Article 370 Movie Review: Article 370 पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है जिसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले और बाद के घटनाक्रमों के साथ इसे हटाने की जरूरत को दिखाया गया है। फिल्म में Yami Gautam ने आइबी अधिकारी की भूमिका निभाई है, जबकि प्रियामणि पीएमओ की अधिकारी बनी हैं। एरुण गोविल प्रधानमंत्री की भूमिका में हैं जबकि किरण करमाकर ने गृह मंत्री का किरदार निभाया है।

Article 370 Movie Review

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Article 370 Movie Review: फिल्‍म में एक डायलॉग है कि अगर अमेरिका पाकिस्‍तान को अरबों रुपये देता है, ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए तो पाकिस्‍तान उसे ढूढ़ने का नाटक करेगा। पकड़वाएगा नहीं, ताकि उसकी फंडिंग चलती रहे।

यही हालात घाटी में हैं। कश्‍मीर को सबसे ज्‍यादा फंडिंग केंद्र से मिलती है, ताकि वहां पर अमन रहे, विकास हो लेकिन वहां के शीर्ष राजनेता, भ्रष्‍ट ब्‍यूरोक्रेट, बड़े-बड़े बिजनेसमैन अपनी अपनी जेबें गर्म करने के लिए कश्‍मीर की विवादास्‍पद इकॉनामी का फायदा उठा रहे हैं। वो अमन हासिल करने का नाटक करेंगे, लेकिन होने नहीं देंगे।

अनुच्‍छेद 370 की वजह से हर चीज उनके नियंत्रण में है। यह कश्‍मीर के हालात को बताने के लिए काफी है। इन मुश्किल हालातों में अनुच्‍छेद 370 हटाने को लेकर सरकार ने किस गोपनीयता से योजनाबद्ध तरीके से काम किया, यह फिल्‍म उसके बारे में गहराई से जानकारी देती है।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 (Article 370) जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। पांच अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था। साथ ही राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।

घाटी में घमासान से शुरू होती है कहानी

Article 370 Movie Review: कहानी का आरंभ पांच अगस्‍त, 2019 में राज्‍य सभा में बिल पेश होने के बाद मचे घमासान से होता है। वहां से कहानी वर्ष 2016 में कश्‍मीर में आती हैं। आइबी अधिकारी जूनी हक्‍सर (यामी गौतम) अपने वरिष्‍ठ की अनुमति के बिना हिजबुल कमांडर को मारने के मिशन में सफल रहती है।

उसके बाद कश्‍मीर की खूबसूरत वादियों में हिंसा भड़क उठती है। हालात बेकाबू हो जाते हैं। जूनी पर कार्रवाई होती है। घटनाक्रम मोड़ लेते हैं। पीएमओ सेक्रेटरी राजेश्‍वरी स्‍वामीनाथन (प्रियामणि) अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के कार्यान्वयन से पहले, कश्मीर घाटी में संघर्षपूर्ण अर्थव्यवस्था को खत्म करने और आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से गोपनीय मिशन के तहत जूनी को नियुक्‍त करती है।

जूनी कश्‍मीर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था के लिए चुनौती बने अलगाववादियों और पत्‍थरबाजों की फडिंग करने वालों की कमर तोड़ने का काम करती है। उधर, काननूविदों की मदद से राजेश्‍वरी अनुच्‍छेद को रद करने की बारीकियों पर काम रह रही होती है, जिससे सरकार संसद में अपना पक्ष मजबूती से रख सके।

इसके लिए उसे प्रधानमंत्री (अरुण गोविल) और गृह मंत्री (किरण करमाकर) का पूरा समर्थन मिला हुआ है। इस बीच 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवान की शहादत सभी को झकझोर देती है।

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